जिंदगी एक सफर...

जिंदगी क्या है एक पल की खुशी तो दुसरे पल का गम।क्या है सफर, खुशी और गम के खेल का ये सफर ही तो जिंदगी है,जिसमें मुसाफिर कभी खुशी के मोड़ पर पहुँचता है, तो गम के मोड़ पर।जिंदगी खुशी और गम के दो किनारों की एक नदी है, जिसकी धाराएं कठिनाई भरी हर रुकावटों को पार करती हुई आगे बढ़ती चली जाती है । क्या इन धाराओं का आगे बढ़ना इतना आसान होता है....नहीं कितनी धाराऐं अपने रास्ते मोड़ लेती है,और यहीं परिचय होता है जिंदगी की असली परिभाषा का और वो ये कि जिंदगी एक संघर्ष है।

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